महाराष्ट्र
1993 मुंबई बम ब्लास्ट के आरोपी अबू सलेम को मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, बम धमाकों में शामिल अन्य दूसरे आरोपी ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, जबकि हथियार सप्लाई करने का आरोपी करीमुल्लाह खान को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ 2 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। और रियाज सिद्दकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
गौरतलब हो कि मुबंई में एक साथ हुए 13 बम धमाकों में 257 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 12 मार्च साल 1993 को हुए इन धमाकों के मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम और मुस्तफा डोसा मुख्य आरोपी बनाया गया था। मुख्य आरोपी में से एक अबू सलेम पर हथियार और गोलाबारूद सहित एके-47 राइफल और हथगोला आपूर्ति का आरोप था, जिसका विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था। इसे गुजरात से मुंबई लाया गया था।
1993 में मुंबई में हुए बम ब्लास्ट केस में टाडा कोर्ट ने 24 साल बाद 16 जून को फैसला सुनाते हुए अबू सलेम समेत 6 दोषियों को दोषी करार दिया था। जस्टिस जी. एस सानप की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए गैंगस्टर अबू सलेम समेत ताहिर मर्चेंट, मोहम्मद दोसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान और करीमुल्लाह को भी दोषी करार दिया था।
कोर्ट ने अबू सलेम को इस साजिश में मुख्य अपराधी माना था। औऱ आतंकवाद संबंधित गतिविधियों में भी दोषी पाया गया था। अदालत कुल सात अभियुक्तों पर सुनवाई कर रही थी जिनमें से एक आरोपी को बरी कर दिया गया था। बता दें कि दोषी मुस्तफा डोसा की इसी साल 28 जून को कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत हो चुकी है।
अदालत ने कुछ दिनों पहले ही इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। बम धमाके के दोषी मुस्तफा दोसा को साल 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है कि धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी। इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था। जिसमें से 100 लोगों को सजा दी गई थी जबकि 29 लोग बरी हो गए थे।
टीम बेबाक