New Delhi: मोगा के रहने वाले आर्टिस्ट गुरप्रीत सिंह कोमल और उसके परिवार ने किसानी आंदोलन को समर्पित करते हुए दुनिया का सबसे बड़ा झंडा तैयार किया है। गुरप्रीत ने मोगा से ये हस्ताक्षर मुहिम चलाई। झंडे के बीचो बीच सुनहरी अक्षरों में उन 116 किसानों का नाम लिखा गया है, जो इस आंदोलन के में अपनी जान गंवा चुके हैं। आपको बता दें कि अलग-अलग जिलों से होते हुए यह हस्ताक्षर मुहिम 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगी।
किसानों को लेकर जहां केंद्र और किसानों के बीच नौवीं मीटिंग भी बेनतीजा रही तो वहीं किसानों की तरफ से 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर मार्च भी निकाला जा रहा है, जिसकी तैयारियां अभी से ही गांव में शुरू हो गई है।
वहीं, मोगा के रहने वाले आर्टिस्ट गुरप्रीत सिंह कोमल और उनकी उनके परिवार की तरफ से किसान आंदोलन को समर्पित एक बहुत बड़ा झंडा तैयार किया गया है। जिस पर सुनहरी अक्षरों में इस आंदोलन के दौरान जिन किसानों ने अपनी जान गंवाई है, उनका नाम लिखा गया है और मोगा से हस्ताक्षर मुहिम की शुरुआत की है। यह झंडा अलग-अलग जिलों से होते हुए 26 जनवरी को दिल्ली पहुंचेगा। गुरप्रीत कोमल द्वारा दावा किया गया है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा झंडा है और गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज करवाएंगे।
बात करते हुए गुरप्रीत सिंह कोमल और उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि किसान आंदोलन हस्ताक्षर मुहिम के अंतर्गत आज उनकी तरफ से और उनके परिवार की सहायता से विश्व का सबसे बड़ा झंडा तैयार करन का दावा किया है।
उन्होंने बताया कि वह कई तरह के विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर चुका है और लिम्का बुक आफ रिकॉर्ड में अपना नाम भी दर्ज करवा चुका है और किसान आंदोलन के चलते सोशल मीडिया और कार्टूनों के ज़रिए जागरूक भी करता रहा।
उन्होंने बताया कि इस झंडे का वज़न 5:250 किलोग्राम, लंबाई- 27:25 मीटर, चौड़ाई- 4:5 फुट, सक्वेयर फुट- 395 S.Ft है। झंडे के बिल्कुल बीच में हरे रंग का 29 इंच का गोल चक्कर में किसान आंदोलन हस्ताक्षर मुहिम के तहत किसान बैल के साथ खेती करता दिखाया गया है।
साथ ही हरे रंग और किसान आंदोलन में अपनी जान गंवा चुके 116 शहीदों का नाम सुनहरी अक्षरों में लिखा गया है। कलाकारों का कहना है कि इस झंडे के बीच की लगभग 395 वर्ग फुट एक तरफ़ खाली जगह आम जनता के हस्ताक्षर लेने के लिए रखी गई है।
टीम बेबाक