पूरे देश में 17 अक्टूबर दिन मंगलवार को इस साल धनतेरस और दीवाली 19 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पर भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर जब ग्रहों और नक्षत्रों का अद्भुत संयोग बनता है, तब धनतेरस की पूजा होती है। त्रयोदशी तिथि को भगवान धनवंतरि की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों को धन-संपत्ति और वैभव का वरदान देते हैं। इस पूजा से देवताओं के वैद्य धनवंतरि आरोग्य का सुख प्रदान करते हैं और अकाल मृत्यु के भय का नाश करते हैं। इस दिन ना केवल अपार धन-संपदा पाई जा सकती है बल्कि सेहत और सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। पुराणों में धनतेरस की पूजा को बेहद कल्याणकारी बताया गया है। इसे धन त्रियोदशी भी कहा जाता है।
पूजा के नियम
धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानी दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है।
इस दिन सबसे पहले तेल लगाकर स्नान करना चाहिए फिर लाल या गुलाबी कपड़े पहनाना चाहिए।
पूजन में सबसे पहले गणेश-लक्ष्मी जी और फिर भगवान कुबेर की पूजा करें।
गणेश जी सारी बाधाएं दूर करते हैं, लक्ष्मी जी धन लाभ देती हैं और कुबेर पैसे की बचत कराते हैं। इस तरह इस पूजा से घर में बरकत आएगी।
भगवान कुबेर को कमल का फूल, गुलाब की माला नारियल, बर्फी, केले और मखाने का भोग लगाएं। गुग्गल की धूप जलाएं और घी का दीपक जलाएं।
उसके बाद इस मंत्र का जाप करें : ॐ गणपति देवाय नमः, ॐ श्रिये नमः, ॐ कुबेराय नमः
धनवंतरि देव हैं विघ्न विनाशक
मान्यता है कि धनवंतरि देव समुद्र मंथन से निकले थे। वह आरोग्य, आयु, धन और सुख देते हैं। धनवंतरि देव विघ्न विनाशक भी हैं। इन्हें गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं, चंदन लगाएं। दूध, दही, शक्कर, शहद और घी मिलाकर पंचामृत बनाएं। पंचामृत को धनवंतरि देव को चढ़ाएं। सेब और बर्फी, पैसे चढ़ाएं और घी के दीपक से आरती करें। इसके बाद ॐ धन्वन्तरये नमः मंत्र का जाप करें।
इस बार धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
इस साल धनतेरस पर खरीदारी करने के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा। इसका शुभ मुहूर्त शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है। इस साल मंगलवार को धनतेरस होने की वजह से धातु में सोना और तांबे की चीज की खरीदारी करना सबसे अधिक फायदेमंद साबित होगा। मकान और जमीन खरीदने के लिए भी ये दिन शुभ माना जाता है।
टीम बेबाक