Noida: झोलाछाप डॉक्टर की इंजेक्शन लगाने से मरी महिला के परिजनों ने बुधवार को जेवर का मुख्य चौराहा जाम कर दिया। इससे खुर्जा रोड की तरफ से आ रही एंबुलेंस फंस गई। गुस्साए परिजनों ने इस मामले में धाराओं में फेरबदल करने का आरोप लगा आरोपियों के खिलाफ SC-ST एक्ट लगाने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने उनको थाने बुलाकर धाराएं बढ़ाने का आश्वासन दिया। करीब तीन घंटे के बाद जाम खोला जिसके बाद वाहन सवारों को राहत मिली।
जेवर कस्बे में रहने वाली 29 साल की राखी उर्फ रेनू की 31 मार्च को तबीयत खराब होने उसके परिजन इलाज के लिए जेवर के डॉक्टर राजेंद्र के क्लीनिक लेकर गए थे। जहां पर डॉक्टर राजेंद्र और उसके कंपाउंडर ने महिला को इंजेक्शन लगाया और जिसकी वजह से उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। फिर इलाजे के लिए उसे कैलाश अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतका के भाई जितेंद्र कुमार ने मुख्य आरोपी झोलाछाप डॉक्टर पलवल हरियाणा निवासी राजेंद्र समेत सात लोगों के खिलाफ जबरन इंजेक्शन लगाने का आरोप लगा जेवर कोतवाली में केस दर्ज कराया था।
रेनू की मौत को लेकर मृतका के परिजनों और समाज के लोगों में झोलाछाप डॉक्टर और उसके सहयोगीयों के खिलाफ भारी आक्रोश था। इसके चलते कोतवाली प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई थी।
पुलिस टीम ने मंगलवार को झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र और कंपाउंडर कैलाश को जेवर खुर्जा अंडरपास के समीप से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन मृतका के परिजनों ने बुधवार सुबह 11 बजे जेवर कोतवाली पुलिस पर धाराओं में बदलाव करने का आरोप लगा जेवर चौराहे पर खुर्जा-झाझर टप्पल मार्ग को जाम कर दिया और जेवर पुलिस चौकी के सामने ट्रैक्टर ट्राली में भरकर गंदगी के ढेर डाल दिए। इससे पुलिस में हड़कंप मच गया और जेवर सर्किल के अलावा भारी पुलिस बल वह पीएसी के जवान मौके पर पहुंच गए।
एडीसीपी ग्रेटर नोएडा और कोतवाली प्रभारी ने मृतका के परिजनों से वार्ता कर थाने बुलाकर जाम को खुलवाया तब जाकर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस मामले में एडीसीपी ग्रेटर नोएडा का कहना है कि मृतका के परिजनों को आश्वस्त किया गया है कि आरोपियों के खिलाफ SC-ST एक्ट की धारा बढ़ाई जाएगी, जिसकी जांच एसीपी रुद्र कुमार सिंह करेंगे।