नई दिल्ली
जहां एक तरफ मोदी सरकार देश में बुलेट ट्रेन चलाने का ख्वाब जनता को दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ ट्रेनों के लेट लतीफी यात्रियों की परेशानी का सबब बनी हुई है। रेलवे प्रशासन के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ऐसे में मोदी का सपना देश में बुलेट ट्रेन चलाने का कैसे सच होगा, ये बड़ा सवाल है?
फिलहाल हम बात कर रहे है पूर्वोत्तर रेलवे की, जहां से रोज सैकड़ों ट्रेने गुजरती हैं और लाखों की संख्या में यात्री एक जगह से दूसरे जगह पर ट्रेनों के माध्यम से आते जाते हैं। ट्रेनों की सुस्त रफ्तार ने यात्रियों की उलझने बढ़ा दी हैं। किसी को शादी में जाना है, किसी को दवा कराने जाना है तो किसी को नौकरी या अपने जरुरी काम को निपटना है। मुख्यालय की अधिक्तर ट्रेनें लेट से चल रही हैं और कई कई घंटे लेट चल रही है।
गाड़ी नम्बर 14673 शहीद एक्सप्रेस 16 घंटे 40 मिनट की देरी से चल रही है। वहीं, गाड़ी नम्बर 15910 लालगढ़-डिब्रूगढ़ 14 घंटे की देरी से चल रही है। 15098 जम्मू-भागलपुर 22 घंटे 30 मिनट की देरी से चल रही है। आपको बता दें कि इसी तरह दर्जनों ट्रेनें कई-कई घंटे की देरी से चल रही हैं। जिसको लेकर यात्रियों मे काफी रोष भी देखा गया।
वहीं, इस बाबत जब NER के CPRO से बात की गई तो उनका कहना है कि हम लोग ट्रेनों की पंकच्युल्टी और सेफ्टी को लेकर हमेशा तत्पर हैं। ट्रेनों के लेट लतीफी का मुख्य कारण बड़ी संख्या में लाइन ब्लॉक हो
जाना है। ट्रैफिक ब्लॉक और उस ट्रैफिक ब्लॉक के चलते गाड़ियां लेट हो रही हैं।
CPRO ने बताया कि हमें पीछे से ही गाड़ियां लेट मिल रही हैं, जिस वजह से हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। किसी भी ट्रेन को सही टाइम पर लाने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि 139 और रेलवे से सम्बंधित ऐप पर यात्रा से पहले जानकारी करने के बाद ही यात्रा के लिए निकले। साथ ही उन्होंने इन असुविधाओं के लिए खेद जताया है।
टीम बेबाक