New Delhi: एक तरफ देश में कोरोना महामारी की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। लगातार मौतों की संख्या बढ़ रही है और संक्रमण हवा की गति से अपना पांव पसार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसान बिल को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने भी अपना हलचल फिर से शुरू कर दिया है। फसल कटाई के बाद एक बार फिर से किसान अपना काफिला लेकर दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं।
शाहजहांपर, टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी-हरियाणा और पंजाब के किसान 28 नवंबर से जमा हैं। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं। बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान अब पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों को धरनास्थल पर बुलाने में जुटे हैं।
किसानों के काफिले का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि कोरोना से तो एक दिन मरेंगे लेकिन यदि तीनों कृषि कानून वापस न हुए तो किसान रोजाना भूख से मरेंगे।
एक बार फिर से बॉर्डर पर चल रहे धरना स्थलों पर भीड़ बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब से किसानों ने एक बार फिर दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच करना शुरू कर दिया है। फसल कटाई कार्य पूरा हो जाने पर बुधवार को खनौरी से करीब 6 हजार किसानों का काफिला दिल्ली सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुआ है।
कोविड के चलते जत्थेबंदी की तरफ से दवाएं, डॉक्टर, सैनिटाइजर का पूरा प्रबंध किया गया है। ये सरकार की ओर से दी गई कोई दवा नहीं लेंगे।
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में टिकैत रैली कर चुके हैं
संयुक्त किसान मोर्चा के कई नेता बंगाल में बीजेपी को वोट न डालने की अपील कर चुके हैं। योगेंद्र यादव, मेधा पाटेकर, हन्नान मुल्लाह, बलबीर सिंह राजेवाल, अतुल कुमार अंजान, अविक साहा, गुरनाम सिंह, राजा राम सिंह, डॉ. सत्यनाम सिंह भी बंगाल गए थे।
टीम बेबाक