Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में गरीबों को राहत सामग्री बांटने के नाम पर समाजवादी पार्टी के विधायक ने अपने आवास के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा कर ली और जब भीड़ बेकाबू हो गयी तो पुलिस को बुलाना पड़ा। भीड़ में छीना झपटी और मार पीट तक हो गयी।
एक महिला के कान से किसी ने कुंडल ही खींच लिए। हालात ये हो गये की विकलांगों तक को भीड़ का शिकार होना पड़ा। कोरोना संकट काल में सोशल डिसटेनसिंग की धज्जियां उड़ाई गयी।
जब मीडिया कर्मियों ने विधायक और पुलिस से इस पर सवाल किया तो दोनों मीडिया को धमकाने लगे। इलाके के पुलिस इंस्पेक्टर तो अपनी नाकामी छुपाने के लिए मीडिया वालों को ही उल्टा सीधा कहने लगे। ये सब कुछ हुआ मुरादाबाद के हॉट स्पॉट थाना इलाके गलशहीद के भूडे के चौराहे पर जहां मुरादाबाद देहात के सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (Haji Ikram Qureshi) का आवास है।
पुलिस ने सपा विधायक और उनके बेटे के खिलाफ गलशहीद थाने में धारा 188, 269, 270 आई पीसी और महामारी अधिनियम की धारा 3 और 56 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
भीड़ जमा करने वाले विधायक हाजी इकरम कुरैशी ने न तो खुद मास्क लगा रखा था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का कोई ख्याल रखा। जब भीड़ बेकाबू हो गयी तो उसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया और यहां घंटों ये भीड़ हंगामा करती रही।
जब मीडियाकर्मी मौके पर कवरेज करने पहुंचे तो विधायक मीडिया को ही धमकाने लगे। इतना ही नहीं विधायक जैसे ही तेवर यहां गलशहीद थाने के एसओ (SO) अजीत रोरिया के देखने को मिले। जिन पर लॉकडाउन का पालन कराने की ज़िम्मेदारी है, जब वही विधायक के दबाव में काम करेंगे तो फिर कैसे कोरोना संक्रमण फैलने से रुकेगा।
कई लोग यहां राशन की उम्मीद में आये थे लेकिन बेकाबू भीड़ में दब कर रह गये। ऐसे में सवाल ये कि अगर इस भीड़ में कोई कोरोना संक्रमित पहुंच गया होगा तो उसने कितने लोगों को संक्रमित किया होगा।
सपा विधायक (SP MLA) और उनके बेटे के खिलाफ तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन थाने के लापरवाह इन्स्पेक्टर और बाकि के पुलिस वालों पर कोई कार्यवाही नहीं की जो मौके पर मूक दर्शक बने हुए थे और मीडिया को धमका रहे थे आखिर इन पुलिस वालो पर कार्यवाही कौन करेगा।
टीम बेबाक