करनालः किसान नेताओं की मांग को खारिज कर दिया गया। करीब तीन घंटे तक चली बातचीत के दौरान प्रशासन ने मांग मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद किसान नेताओं ने प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा पहले से ही स्पष्ट थी। राकेश टिकैत ने कहा, अब यहां पर दूसरे प्रदेशों से भी किसान आएंगे। वहीं डीसी निशांत कुमार यादव ने किसान नेताओं की मांग पर कहा कि किसान नेता बिना जांच के कार्रवाई चाहते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है। चाहे अधिकारी, कर्मचारी या आम आदमी हो, बिना जांच के कार्रवाई नहीं कर सकते हैं।
एलानः लघु सचिवालय के सामने धरना जारी रहेगा
जिला प्रशासन के साथ किसानों की हुई वार्ता दूसरे दिन भी विफल रही। किसान नेताओं ने एलान किया कि लघु सचिवालय के सामने धरना जारी रहेगा। दो दौर की वार्ता में सहमति नहीं बनी। पहले डीसी व एसपी ने ली बैठक, उसके बाद कमिश्नर को बुलाया गया। लेकिन किसानों के साथ मांगों को लेकर सहमति नहीं बन पाई। वहीं प्रेसवार्ता करके राकेश टिकैत ने कहा कि करनाल में अब अनिश्चितकालीन पड़ाव डाला जाएगा। पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा, यहां का प्रशासन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई को तैयार नहीं हैं। चंडीगढ़ से बार-बार आदेश आ रहे हैं। जब तक कार्रवाई नहीं होती तब तक यहां से नहीं हिलेंगे। एक पक्का मोर्चा यही लगाएंगे। यूपी पंजाब से आते रहेंगे लोग।
मांगः एसडीएम सिन्हा को बर्खास्त कर जांच चलाई जाए
किसानों की ओर से राकेश टिकैत, कामरेड इंद्रजीत अजय राणा, योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित कई किसान नेता बैठक में मौजूद थे। किसान नेताओं की मांग है कि तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा को बर्खास्त कर उन पर जांच चलाई जाए। वहीं, किसान नेताओं के आह्वान के बाद लघु सचिवालय के बाहर आंदोलनकारियों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सुरक्षा बल भी पूरी तरह से मुस्तैद है। लोगों की सुरक्षा का पूरा पुख्ता इंतजाम किया गया है। जाट भवन में किसान नेताओं ने मंथन किया। इसके बाद प्रेस से बातचीत की। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि प्रशासन ने दो बजे बातचीत के लिए बुलाया है। प्रशासन की बात सुनेंगे। आखिर प्रशासन किसानों की बात पर मानती है या नहीं। अब एक नई परंपरा का आगाज होगा। अब अधिकारी आकर फैसला खुद सुनाएंगे। जो भी बातचीत होगी, उसकी जानकारी अधिकारी देंगे।
टीम बेबाक…