New Delhi: भारतीय टीम के मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज मनीष पांडे (Manish Pandey) मजाकिया अंदाज में अपने बल्लों की तुलना गर्लफ्रेंड्स के साथ करते हुए कहते हैं कि वह अपने बल्लों के साथ गर्लफ्रेंड (Girlfirend) वाला बर्ताव करते हैं। पांडे बताते हैं कि वे पत्नी आश्रिता (Ashrita Shetty) जितना प्यार ही अपने बल्लों (Bat) से भी करते हैं।
बल्लेबाज़ अक्सर अपनी बल्लेबाज़ी स्किल के लिए अलग-अलग लोगों को श्रेय देते हैं लेकिन मनीष पांडे (Manish Pandey) के लिए इसका बहुत ही साधारण फॉर्मूला है। आज वे जिस तरह के पावर हिटर बन चुके हैं, उसके लिए वे सिर्फ दो चीजों को जिम्मेदार बताते हैं- गेंद की टाइमिंग समझना और एक अच्छी बैट का होना। पांडे अपने बल्लों (बैट्स) को लेकर बहुत संजीदा हैं।
पांडे (Manish Pandey) मजाकिया अंदाज में कहते हैं, “कई मायनों में मेरी बैट एक गर्लफ्रेंड जैसी है। खासकर तब जब मैं मैच खेल रहा होऊं और मेरी गर्लफ्रेंड (अब पत्नी) आस-पास न हो तो कई बार मेरे बल्ले से मेरी ‘लड़ाई’ हो जाती है। मैं अपने बल्ले से कहता हूं कि जब मैं गेंद की पिटाई शुरु करता हूं तब तुम बदल जाते हो और वह मुझे पलट कर कहता है, ‘मुझे लगता है तुम बदल जाते हो!”
हो सकता है पांडे के वास्तविक जीवन में सिर्फ एक ही महिला हो (इन्होंने पिछले वर्ष दिसंबर में अपनी प्रेमिका आश्रिता शेट्टी से विवाह कर लिया था) लेकिन इन्हें अपने बल्लों से ‘धोखा’ करने के लिए जाना जाता है।
पांडे (Manish Pandey) कहते हैं “मेरे बैग में 5 ‘गर्लफ्रेंड्स’ हैं। इनमें से हर एक बल्ला (Bat) अलग-अलग अवसरों के लिए विशेष है। जैसे, जिस बल्ले (Bat) से मैंने अपना आईपीएल (IPL) शतक जड़ा था, उसे मैं अपना ‘शैडो’ बैट (Shadow Bat) कहता हूं। जब भी मुझे अपने कॉन्फिडेंस को बढ़ाने या बड़े गेम की तैयारी करनी होती है, मैं इसी बल्ले का इस्तेमाल करता हूं।”
अन्य जाने-माने क्रिकेटरों के जैसे ही पांडे के भी अपने सूपर्स्टिशंस (अंधविश्वास) हैं। पांडे कहते हैं “मैं ऐसे एक भी क्रिकेटर को नहीं जानता जिसका कोई सूपर्स्टिशन न हो। मेरे लिए, यदि मैं किसी एक बैट से असाधारण पारी खेल लूं तो फिर उसे संभाल कर नहीं रख देता, बल्कि लगातार उसका इस्तेमाल करता रहता हूं। यह मेरे लिए गुड लक चार्म (Good Luck Charm) जैसा हो जाता है।”
लेकिन बैट के साथ उनका रिश्ता संयोग से बना रिश्ता नहीं है। यहां बहुत ही सुरक्षित तरह का लगाव है। वे बताते हैं, “मेरे लिए, खेल के दौरान बल्ले का खराब हो जाना ठीक वैसा ही है जैसे कि मैं अपनी विकेट गंवा दूं। जब बल्ला चटक या टूट जाता है, तब मुझे लगता है जैसे मैंने खुद को चोटिल कर दिया।”
निश्चित रूप से इसका मतलब यह नहीं है कि पांडे (Manish Pandey) अपने बल्लों (बैट्स) को लेकर बहुत पज़ेसिव हैं। वे इस बात में विश्वास करते हैं कि ‘यदि आप किसी चीज़ से प्रेम करते हैं तो उसे बंधन से मुक्त रखें।’
वे कहते हैं “मैं अक्सर अपने बल्ले दे दिया करता हूं। सिर्फ क्रिकेटर बनने के इच्छुक छोटे बच्चों को ही नहीं बल्कि भारतीय टीम (Indian Team) के सदस्यों को भी। खासकर गेंदबाज़ मुझसे मेरा बल्ला मांगने आते हैं और कभी-कभी मुझे देना पड़ता है!”
टीम बेबाक/क्रिकबज़