New Delhi: ‘बुल्ली बाई’ (Bulli Bai) ऐप को लेकर तरह तरह की बातें की जा रही है। सोशल मीडिया पर इस ऐप को लेकर दोनों तरह की कंपेन चल रही है, कुछ लोग इसके पक्ष में दिख रहे हैं तो कुछ इसके खिलाफ। वहीं अगर ऑफलाइन की बात करें तो इस ऐप को लेकर कुछ गिरफ्तारियां भी चुकी है।
लेकिन हमारे समाज में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें बिलकुल भी नहीं पता ये सब हो क्या रहा है। दरअसल, कुछ लोग ट्विटर पर इस बात को सही ठहराते हुए दिख रहे हैं कि बुल्ली बाई ऐप को शायद सिर्फ मनोरंजन के लिए बनाया गया है, लेकिन जिस तरीके से इस ऐप पर काम किया जा रहा है वो उसे लेकर बवाल मचा हुआ है।
पहले जानिए क्या है ये ऐप?
इसी बुल्ली बाई एप (Bulli Bai App) GitHub प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है, जहां से इसे डॉउनलोड किया जाता है। GitHub एक सॉफ्टवेयर कोडिंग प्रोवाइडर प्लेटफॉर्म है, जहां पर इस तरह के ओपन सोर्स कम्युनिटी एप्लीकेशन मिलते हैं। इस ऐप पर कई महिलाएं जो अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का यूज करती है उनकी तस्वीरें लगाई गई है। इन महिलाओं में कई पत्रकार और दूसरे बड़े प्रोफेशन से जुड़ी महिलाएं भी शामिल हैं। इस एप्लीकेशन के द्वारा इन महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाई जाती है।
आखिर इस ऐप में क्या गलत है?
बुल्ली बाई (Bulli Bai) के साथ क्या गलत है और यह गलत क्यों है, यह समझने के लिए, इस परिदृश्य की कल्पना करें: आप फेसबुक के माध्यम से ब्राउज़ कर रहे हैं और आप अचानक अपनी छोटी बहन या चचेरे भाई या अपने परिवार की किसी अन्य महिला सदस्य की एक तस्वीर के साथ एक आपत्तिजनक कैप्शन के साथ आते हैं जैसे “अरे, मनोरंजन के लिए यहां संपर्क करें” उस व्यक्ति के वास्तविक फोन नंबर या ट्विटर आईडी के साथ।
एक अन्य परिदृश्य पर विचार करें जहां कोई आपको टिंडर पेज का स्क्रीनशॉट भेजता है जिसमें आपकी पत्नी की तस्वीर, इंस्टाग्राम आईडी और फोन नंबर (शब्दों में लिखा हुआ) होता है।
आपको कैसा लगेगा? अब, इस भावना को गुणा करें जब आपकी बहन या पत्नी की फोटो ट्विटर, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म पर वायरल हो जाती है और लोग भद्दे कमेंट्स करने लगते हैं। ‘जस्ट फॉर फन’ तब आपके दिमाग में आखिरी बात आएगी। यहीं से उत्पीड़न शुरू होता है।
अब दोनों ही मामलों में महिलाओं को कुछ पता नहीं चल पाया कि उनकी तस्वीरें कैसे वायरल हुईं। कुछ कम उम्र के बदमाशों ने सोशल मीडिया साइट्स जैसे लिंक्डइन, ट्विटर आदि से तस्वीरें चुरा ली हैं और ‘फन’ के लिए नकली प्रोफाइल बना लिए हैं।
कुछ ऐसा ही बुल्ली बाई (Bulli Bai) के साथ भी हुआ। कम उम्र के लोगों के एक समूह ने लिंक्डइन और ट्विटर जैसी साइटों से मुस्लिम समुदाय से संबंधित सफल और प्रभावशाली महिलाओं की तस्वीरें एकत्र कीं और GitHub पर बुल्ली बाई नामक एक ऐप बनाया। उस ऐप के माध्यम से, महिला की तस्वीरें “आज की आपकी बुल्ली बाई” शीर्षक के साथ प्रदर्शित की गईं।
बुल्ली शब्द सुल्ली डील का एक और रूप है जो छह महीने पहले सामने आया था। ‘सुली’ शब्द मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है। इस एप्लीकेशन में भी इसी तरह से कई महिलाओं के पिक्चर्स और प्रोफाइल्स को पोस्ट करके उनकी ऑनलाइन नीलामी (Online Auction) की जा रही थी। तब भी सोशल मीडिया से ही महिलाओं के प्रोफाइल और पिक्चर्स को लेकर उन्हें इस एप्लीकेशन पर अपलोड किया गया था। इसे लेकर कई शिकायतें की गई थीं लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हुई थी।
कानूनी तौर पर बुल्ली बाई निर्माता कैसे अपराधी हैं
आप तर्क दे सकते हैं कि भारतीय दंड संहिता ऑनलाइन उत्पीड़न के लिए सीधे दंड को परिभाषित नहीं करती है, लेकिन आईटी अधिनियम और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 में पर्याप्त प्रावधान हैं जो बुल्ली बाई ऐप निर्माताओं को अपराधियों के रूप में परिभाषित करते हैं। वास्तव में, सहमति के बिना तस्वीरें चुराना IPC की धारा 354C की तहत अपराध है।
अभद्र भाषा और टिप्पणियों को कानूनी रूप से संगठित बुल्ली बाई अभियान के माध्यम से मानहानि और एक महिला की शील का अपमान करने में जोड़ा जा सकता है। दोषियों को सजा देने के लिए आईपीसी की 499, 503, 506, 507 और 509 जैसी धाराएं लगाई जा सकती हैं।
इसके अलावा, आईटी अधिनियम की धारा 66C, 66E, 67, 67A के तहत, सुल्ली और बुल्ली प्लेटफॉर्म के बनाने वालों को सलाखों के पीछे डाला जा सकता है, अगर सरकार कार्रवाई करना चाहती है।