उत्तराखंड: जोशीमठ के नीति घाटी में कल देर रात को तमक और झेलम नामक गांव में बादल फटने की खबर है। इस घटना से भारी तबाही हुई है। तमक में सात मकान मलबे में समा गये हैं। जिसके बाद से वहां के पाच परिवार बेघर हो गये हैं। वहीं झेलम में सड़क निर्माण का कार्य करने वाले चार मजदूर भी मलबे में दफन हो गये, जिसमें एक महिला और एक बच्चे के शव को बरामद कर लिया गया है। जबकि दो लोग लापता हैं। प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू कर रही है। वहीं भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाला मार्ग भी बंद हो गया है।
बादल फटने से मची तबाही
चमोली जोशीमठ विकासखंड के मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग के पास देर रात बादल फटने से हाइवे पर काम कर रहे बीआरओ के मजदूरों का कैम्प मलबे में दब गया है। रेस्क्यू टीम ने अब तक दो शवों को बाहर निकाल लिया है। जबकि पांच मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। इस घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुख जताया है।
मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भापकुंड झेलम नाला और तमग्राला के पास बादल फटने से मजदूरों का कैंप मलबे की चपेट में आ गया। जिससे वहां काम कर रहे सभी मजदूर उस मलबे के नीचे दब गए हैं। इसके अलावा कई घर क्षतिग्रस्त भी हो गए हैं।
एसडीएम जोशीमठ योगेंद्र नेगी ने बताया कि सुबह हमारे पास बादल फटने की सूचना आई। जिसके बाद आपदा बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। इसके अलावा सूचना मिलते ही पांडुकेश्वर से एसडीआरएफ और जोशीमठ से स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया। इसके बाद मलबे से मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। बचाव कार्य से 2 मजदूरों के शवों को बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन 3 मजदूरों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
टीम बेबाक