अभी एक तरफ जहां हालही के बीते दिनों में पूरे देश समेत हरियाणा में कई सरकारी व निजी निकायों द्वारा कोरोना योद्धाओं के रुप में शामिल डॉक्टर्स का डॉक्टर्स डे के अवसर पर सम्मान किया गया था। वहीं सम्मान के महज कुछ दिनों बाद फरीदाबाद से यह खबर आई की 20 चौकीदार, 57 सफाई कर्मचारी व 40 ट्यूबवेल ऑपरेटरों को नगर निगम ने बीते छह माह से कोई मानदेय नहीं दिया है। जिससे अब इन कोरोना योद्धाओं की भूखों मरने की नौबत आ गई है। आर्थिक चुनौतियों के कारण इन परिवार को पालन पोषण कर पाना जटिल हो रहा है। अच्छा होता यदि निगम प्रशासन किसी का सम्मान करने की बजाय इन कोरोना योद्धाओं की पेट की आग को बूझा देता। समय पर इनकी मेहनत का भुगतान कर देता। ये कर्मचारी छोटे स्तर व मानदेया पर जरुर काम करते हैं पर इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
Faridabad: 1 जनवरी 2021 को हरियाणा सरकार की अधिसूचना जारी होने के बाद नगर निगम के अधीन आये 24 गांवों के 57 सफाई कर्मचारी, 20 चौकीदार व लगभग 40 ट्यूबवेल ऑपरेटरों को नहीं मिला 6 माह से वेतन नगर निगम व पंचायत विभाग के अधिकारी के बीच रिकॉर्ड आदान प्रदान करने की कार्रवाई के चलते ये कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, हरियाणा ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान देवी राम, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार बालगुहेर, नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान गुरचरण खण्डिया, सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव बलबीर सिंह बालवीर बालगुहर व हरियाणा ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान दिनेश पाली ने नगर निगम प्रशासन को जल्द वेतन देने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि 8 जुलाई तक 57 ग्रामीण सफाई कर्मचारियों, 20 ग्रामीण चौकीदारों व लगभग 40 ट्यूबवैल ऑपरेटरों का वेतन नहीं दिया तो नगरपालिका कर्मचारी संघ व हरियाणा ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन मिलकर नगर निगम मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगी।
पंचायत व निगम के बीच फंसा वेतन का पेंच
यह निर्णय शुक्रवार को दोनों संगठनों की संयुक्त रूप से बीके चौक स्थित नगर निगम यूनियन कार्यालय में हुई बैठक में लिया गया। शास्त्री व देवी राम ने बताया कि 1 जनवरी 20 21 को हरियाणा सरकार ने अधिसूचना जारी कर नहर पार क्षेत्र के 24 गांव नगर निगम निगम में शामिल कर दिए थे इन गांवों की चल अचल संपत्ति सहित पंचायतों के अधीन कार्य करने वाले सभी कर्मचारी भी नगर निगम के अधीन कर ने आदेश भी सरकार ने कर दिए है।
1 जनवरी से ही यह कर्मचारी लगातार गांव की सफाई व्यवस्था, चौकीदार व ट्यूबवेलों का संचालन कर रहे हैं। अपने वेतन की मांग को लेकर सभी जिला प्रशासन अभी पंचायत विभाग तो कभी नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन 6 महीने से इस जिले का कोई भी अधिकारी इन कर्मचारियों की सुध लेने को तैयार नहीं है।
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के नेताओं व हरियाणा सफाई कर्मचारी यूनियन के नेताओं द्वारा नगर निगम अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनको पंचायत विभाग द्वारा इन कर्मचारियों का रिकॉर्ड सुपुर्द नहीं किया गया है। वही पंचायत अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों की सूची सहित अन्य रिकॉर्ड नगर निगम को भेज दिया है लेकिन नगर निगम के अधिकारी रिकॉर्ड ना भेजने का बहाना बनाकर कर्मचारियों का वेतन देने की कार्यवाही में लापरवाही कर रहे।
दुकानदारों ने राशन देने से किया मना
शास्त्री ने बताया कि पिछले 6 माह से वेतन न मिलने के कारण लगभग दो दर्जन कर्मचारियों का बिजली का मीटर काट दिये गये हैं। दुकानदारों ने राशन देने से मना कर दिया है और बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भरी जा रही हरियाणा सरकार के मुताबिक प्रदेश के सफाई कर्मचारी कोरोना योद्धा है और कोरोना योद्धा भूखे मरने को मजबूर हो रहे हैं। शास्त्री ने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज, महानिदेशक शहरी स्थानीय निकाय विभाग से अपील की है कि इस संदर्भ में तुरंत प्रभाव से हस्तक्षेप कर इन गरीब कोरोना योद्धाओं को इनका वेतन दिलवाए ताकि कर्मचारी अपने परिवार को भूखा मरने से बचा सके। यदि 8 जुलाई तक इन कर्मचारियों का वेतन नहीं दिया गया तो नगर निगम मुख्यालय पर दोनों यूनियन संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगी।
तरुण चतुर्वेदी, न्यूज एडिटर