Haryana: कोरोना काल हम सबके लिये किसी चुनौती से कम नहीं है। सरकार और प्रशासन तो अपने सार्थक प्रयास जारी रखे हुए है लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां पर लोगों ने स्वयं कोरोना से दो-दो हाथ करने का निर्णय पहले ही ले लिया था। ऐसे ही गांवों में से एक है अम्बाला जिला के छावनी क्षेत्र का गांव बाड़ा। आज इस गांव में एक भी कोरोना का मरीज नहीं हैं। गांव में इस समय एक भी व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव नहीं है। गांव की कुल आबादी 2500 है।
इस गावं अब तक साठ वर्ष की आयु से ऊपर के सभी 119 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। यदि गांव में किसी को खाद्य सामग्री की जरूरत पड़ती है तो वह उपलब्ध करवा दी जाती है। गांव के लोगों ने आपसी तालमेल के साथ गांव के प्रवेश द्वार पर ठीकरी पहरा बैठा रखा है। कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में निर्देशों की अनुपालना के बिना प्रवेश नहीं कर सकता। आने-जाने वालों का नाम, नम्बर और वाहन का नम्बर रजिस्टर में नोट किया जाता है। यहां तक कि कोविड इंजेक्शन के बारे में पूछा जाता है कि लगवा ली की नहीं।
गांव के ही रहने वाले डॉ रविंद्र कौशिक ने बताया कि अब मैं कुरुक्षेत्र में रहता हूं। आज मैं अपने गांव में आया था यहां की अरेंजमेंट देखकर मैं बहुत खुश हूं कि यहां पर कोई भी करोना का पेशेंट नहीं है। सरपंच ने बहुत अच्छी देख-रेख कर रखी है। गांव में आने वाले हर व्यक्ति को रोका जाता है। पूछताछ की जाती है कि कहां से आया है। हाथ सैनिटाइज करवाए जाते हैं, तभी गांव के अंदर प्रवेश किया जाता है।
गांव के निवासी राम कुमार ने बताया कि हमारे गांव में सरपंच पूरे गांव को सैनिटाइज करवाते रहते और सभी को इंजेक्शन लगवाने का पूरा प्रयास करता है। हमारे गांव में कोई भी कोरोना का पेशेंट नहीं है। बाहर के लोगों को गांव में आसानी से एंट्री में नहीं मिलती।
गावं के इस बने रिकार्ड में सरपंच की नीतियां भी काफी लाभदायक हो रही है। युवा होने के साथ वह इस गावं पर पूरी मेहनत करते हैं। गावं के सरपंच विकास ने बताया कि सरकार कोरोना से बचने के लिए इतने प्रयास कर रही है, तो हमारा भी कुछ फर्ज बनता है कि हम भी सरकार का साथ दें, क्योंकि हमेशा नीचे से ऊपर को जाया जा सकता है। हमने समूचा गांव सैनिटाइज करवा दिया गया है और जहां जरूरत पड़ती है, वहां पुन: सैनिटाइज करवाया जा रहा है। अब तक गांव में चार बार सैनिटाइजेशन कार्यक्रम किया गया है।
उन्होंने बताया कि पूरी पंचायत का टीकाकरण हो गया है, जिसमें पूर्व सरपंच, पंच, चौकीदार, नम्बरदार व स्वीपर इत्यादि शामिल हैं। गांव के दो प्रवेश द्वार हैं, एक उगाड़ा गांव की तरफ से और दूसरा गांव ठरवा की तरफ से। दोनों प्रवेश द्वारों पर गांव के व्यक्ति पहरा देते हैं। गांव में प्रवेश करने वाले लोगों को सैनिटाइज करके ही गांव में घुसने दिया जाता है और जिन्होंने इंजेक्शन लगवा लिया है, उनका सर्टिफिकेट देखकर ही उन्हें गांव में एंट्री दी जाती है।
उन्होंने कहा कि मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई है समूचे गांव को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिये सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पालना की जा रही है।
वहीं, गांव में तैनात स्वास्थ्य विभाग की किरण बाला ने बताया कि इस गावं में कोई भी कोरोना का पेशेंट नहीं है। हम लगभग 700-800 इंजेक्शन यहां लगा चुके हैं। हमने सारी तैयारी की हुई है। यदि कोई भी हमारे पास पेशेंट आता है, तो उसको हर सुविधा देते हैं। गांव के सरपंच ने भी गांव के हर मोड़ पर अपने आदमी बिठा रखे हैं, जो बाहरी लोगों से पूछताछ करते रहते हैं। इस गांव का अभी तक कोई भी पेशेंट पॉजिटिव नहीं आया है।
टीम बेबाक