Gujrat: भारत में कोरोना महामारी से बचाव के लिए शुरू होने वाले टीकाकरण के लिए अब गिनती के दिन बचे हैं। ऐसे में सरकार ड्राई रन के जरिये वक्सीनशन के दौरान कोई भी अड़चन न आये। इसका पूरी तरह से इत्मीनान कर लेना चाहती है और यही वजह है की देश के सभी राज्यों में ड्राई रन हो रहे हैं। आज देश भर के सभी राज्यों के साथ गुजरात में भी ड्राई रन का आयोजन किया गया। जिसमें वैक्सीनेशन के दौरान होने वाली हर प्रक्रिया को फॉलो कर वैक्सीनेशन किया गया।
देश भर के साथ गुजरात भी टीकाकरण के लिए पूरी तरह से सुसज्ज हो चूका है और इसी का जायजा आज वैक्सीनेशन के ड्राई रन से लिया गया। कोरोना महामारी से बचाव के लिए जल्द ही शुरू होने वाले वैक्सीनेशन प्रोग्राम में कोई कोर कसर न रह जाए कोई अड़चन न आये इसके लिए पहले से ही हर तरह की तैयारियां की जा रही है। आज गुजरात राज्य के 236 तहसीलों में ड्राई रन का आयोजन कर लाभार्थीओं को वैक्सीन दी गई।
सोला सिविल अस्पताल में पुरे एक वार्ड को ही वैक्सीनेशन सेंटर में परिवर्तित कर दिया गया। जिसमें इंटर होते ही आपको वेटिंग एरिया मिलेगा, जहां बैठा हेल्थ वर्कर लाभार्थी को कोविन सॉफ्टवेयर से भेजे एसएमएस को चेक कर उनके डाक्यूमेंट्स की जांच करेगा। जिसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइज़ कर लाभार्थी को अपना नंबर आने तक वेटिंग एरिया में इंतज़ार करना होगा। उसके बाद का कमरा है वैक्सीनेशन रूम, जहां पर हेल्थ वर्कर की एक टीम लाभार्थी को वैक्सीन देगी। वैक्सीनेशन रूम से ही सटकर दूसरा एक कमरा तमाम मेडिकल साधनों से सुसज्ज तैयार रखा गया है। ताकि लाभार्थी को कोई भी दिक्कत आये तो तुरंत उसे इलाज मुहैय्या कराया जा सके।
इसके बाद ऑब्जरवेशन रूम है जहां सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते हुए बैठने की व्यस्था की गई है। यहां लाभार्थी को 30 से 40 मिनट बैठना है। इस दौरान यहां भी हेल्थ वर्कर की एक टीम इन्हे ऑब्ज़र्व करती रहेगी और कोई भी दिक्कत आने पर जरुरी इलाज मुहैया कराएगी। अमूमन यही व्यवस्था राज्य के सभी वैक्सीनेशन सेंटर में की गई है।
इस पूर्वाभ्यास में कोविड-19 के टीकाकरण के लिए जरूरी इंतजामों की समीक्षा की जा रही है और वास्तविक टीकाकरण शुरू करने से पहले किसी भी खामी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होने पर इसका पहला शॉट राज्य के 3.96 लाख डॉक्टरों और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को दिया जाएगा, जिनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और क्लास-3 और क्लास-4 के कर्मचारी शामिल होंगे, प्राथमिकता सूची में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बाद पुलिस, होमगार्ड और अन्य अप्रत्यक्ष रूप से लगे लोगों का नंबर आएगा। वहीं, 50 साल से ज्यादा उम्र वालों को तीसरे नंबर पर रखा गया है, जिसके लिए लिस्ट तैयार की जा रही है।
वैक्सीनेशन के लिए स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है। राज्य के 33 जिलों में टास्क फोर्स का गठन किया गया है और 47,796 टीकाकरण केंद्रों की योजना बनाई गई है, जिसके लिए लिए 15,534 टीमों को तैनात किया जाएगा।
राज्य के 2,189 सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कोल्ड चेन पॉइंट के रूप में तैयार कर कोरोना के टीके का रखरखाव किया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से अब तक गुजरात को 150 आइसलाइन रेफ्रिजरेटर दिए गए हैं और राज्य अपनी तरफ से भी 30 डीप फ्रीजर्स की व्यवस्था करेगा। कोरोना की वैक्सीन गांव स्तर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जोन लेवल पर 6 और नगर निगम स्तर पर 412 वैक्सीन स्टोर बनाए गए हैं। कोल्ड चेन पॉइंट का तकनीकी ऑडिट पूरा कर लिया गया है। वहीं रूरल इलाके में नेटवर्क की समस्या के चलते स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने केंद्र से गुजारिश की है कि गांवों में ऑफलाइन टीकाकरण की अनुमति दी जाए।
टीम बेबाक