Ranchi: झारखंड की राजनीति में फिलहाल सब कुछ ठीक चलता हुआ नहीं दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के एक बयान के बाद सरकार में शामिल झामुमो (JMM) और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक प्रतीत नहीं हो रहा है।
झामुमो (JMM) पर कांग्रेस का सवाल
रांची में कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों ने गुरुवार को बैठक की और बैठक करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा की आईपीएस अधिकारियों के तबादले में कांग्रेस के मंत्रियों से भी सलाह लेनी चाहिए थी यानी कांग्रेस कोटे के मंत्री बन्ना गुप्ता (Minister Banna Gupta) ने सीधे सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर उठा दिया।
बन्ना गुप्ता का इतना कहना था कि बीजेपी को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया। सोशल मीडिया पर बीजेपी (BJP) के नेताओं ने बन्ना गुप्ता को ट्रोल करना शुरू किया। तब तक कांग्रेस (Congress) कोटे के ही मंत्री आलमगीर आलम बचाव करने सामने आ गए और उन्होंने कहा बन्ना गुप्ता की जुबान फिसल गई लेकिन जब आलमगीर आलम यह बोल रहे थे तो उनके ठीक पीछे बन्ना गुप्ता खड़े थे और आलमगीर आलम के साइड हटते ही उन्होंने साफ कह दिया कि वह अपने बयान पर अडिग हैं।
सरकार के भीतर मनमुटाव
गुरुवार को रांची (Ranchi) में चले दिनभर इस पोलिटिकल ड्रामे के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार के भीतर मनमुटाव जारी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) कांग्रेस के इस खटपट से सरकार को कोरोना संकट के इस काल में नुकसान हो सकता है।
हालांकि बन्ना गुप्ता के इस बयान पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से भी प्रतिक्रिया ली गई लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले तो अनभिज्ञता जाहिर की उसके बाद जब उनसे कहा गया कि मंत्री बन्ना गुप्ता ने नाराजगी की बात कहते हुए बयान दिया है तो मुख्यमंत्री ने कहा पहले उनसे बात करेंगे फिर कुछ कहेंगे।
गुरुवार को ही कांग्रेस के मंत्री शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से मुलाकात भी करने वाले थे लेकिन न मुलाकात हो पाई और ना बात हो पाई। इसलिए झारखंड की राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा है कि क्या सरकार में खटपट शुरू हो गया है।
दरअसल पिछले दिनों सरकार ने करीब 35 आईपीएस (IPS) अधिकारियों का तबादला कर दिया था। लगभग सभी जिलों के एसपी और सभी क्षेत्र के डीआईजी (DIG) बदल दिए गए। इसी बात से कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में नाराजगी है।
मंत्रियों का कहना है कि तबादले से पहले अधिकारियों के बारे में उनसे कोई चर्चा नहीं की गई दरअसल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों की नाराजगी की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि किसी खास खास क्षेत्र में कांग्रेस कोटे के मंत्री अपने अपने पसंद के अधिकारियों को लाना चाहते थे लेकिन ऐसा हो न सका।
टीम बेबाक