New Delhi: बहुत बार हम अपनी नंबर प्लेट पर नंबरों के अलावा दूसरी चीजें भी लिखवा लेते है जैसे :-
- राजनीतिक पद या पहचान, पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, प्रेस व सेना।
- जाति सूचक शब्द या क्षेत्रीय दबंग पहचान को दर्शाने वाले शब्द, धार्मिक चिन्ह और उससे जुड़ी दूसरी चीजें।
- विभागीय पहचान मसलन कलेक्ट्रेट बैंक, एमपीईबी और न्याय विभाग आदि।
ट्रैफिक चेकिंग के दौरान नंबर प्लेटों पर ये सब लिखे जाने पर फाइन किया जाता है
ट्रैफिक नियमों में बाइक, थ्री व्हीलर या कार के नंबर प्लेट को लेकर कई तरह के दिशानिर्देश हैं, जिनको फॉलो (follow ) किया जाना जरूरी है। कई लोग नंबर प्लेट को लेकर लापरवाही दिखाते हैं, लेकिन ऐसा करना आपको मुश्किल में डाल सकता है बहुत से वाहन मालिक ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी गाडिय़ों में मनमाने ढंग से नंबर प्लेट बना रखी हैं। आरटीओ (RTO) ने निजी वाहन व व्यवसायिक वाहनों में अंतर के लिए नंबर प्लेट का रंग निर्धारित किया था। निजी वाहनों में सफेद और व्यावसायिक वाहनों के लिए पीली नंबर प्लेट निर्धारत ही गई है। इसके बाद भी लखनऊ शहर में बड़ी संख्या में चार पहिया वाहन चालक बरसों पुरानी काली नंबर प्लेट या ग़लत तरीके से लिखी नंबर प्लेट लगाकर घूम रहे हैं। इस नियम को ठेंगा दिखाने में सरकारी वाहन भी पीछे नहीं है।
ऐसा ही कुछ हुआ पंकज शर्मा के साथ जिन्होंने यूपी पुलिस को ट्वीट (tweet) कर नंबर प्लेट के नियम को जानने की कोशिश की जब उन्होंने लखनऊ में एक वाहन देखा जिसकी नंबर प्लेट पर पुलिस लिखा हुआ था पर उनके ट्वीट का यूपी पुलिस या उत्तर प्रदेश यातायात पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया ।
हमारे रिपोर्टर की नजर जब इस https://twitter.com/Sharnam_Pankaj/status/1350304802295566338?s=19 ट्वीट (tweet) पर गयी तब रिपोर्टर ने कानून के जानकारों से मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जानकारी ली।
कानून के जानकारों को कहना है कि नया मोटर व्हीकल एक्ट (motor vehicle act) लागू होने के बाद ट्रैफिक (traffic) के नियम काफी सख्त हो गए हैं। नए एक्ट में ट्रैफिक के नियमों का उल्लंघन करने पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। इसलिए आपको ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी होना जरूरी है। नंबर प्लेट (number plate) को लेकर भी नियम कायदे हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है। लेकिन आम जनता को समस्या तब ज्यादा आती है, जब उसको उन नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती और वो कोई नियम को तोड़ देती है। तब उसको मालूम होता है कि ट्रैफिक (traffic) नियम क्या है।
कानून के जानकारों को मानना है कि यदि कोई मोटर वाहन स्वामी अपने गाड़ी के नंबर प्लेट पर नंबर के अतिरिक्त अन्य कोई जाति, धर्म अथवा पद से संबंधित लेख लिखता है तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत कानूनन गलत है और उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सकती है।
उत्तर प्रदेश परिवाहन विभाग ने नए वाहनों पर हाई सिक्योरिटी (high security) नंबर प्लेट लगाना शुरू किया था। जिससे नंबर प्लेट पर कोई स्थान नहीं मिलने के कारण वाहन चालकों को प्लेट पर पद, नाम या पेशे को दर्शाने का स्थान नहीं मिलता था और विभाग के माप के अनुसार नंबर होने से प्लेट पर अंकित शब्द भी साफ दिखाई देते थे। लेकिन परिवहन विभाग ने भी कुछ समय बाद वाहनों पर हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना बंद कर दिया है। जिससे फिर से लोगों ने नंबर प्लेटों का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है।
लखनऊ शहर में बड़ी संख्या में वाहन चालक नंबर प्लेट में नंबर के अलावा अपनी जाति, पेशा और भी काफी कुछ लिखवा कर घूम रहे हैं, जिससे आम जन में ऐसे वाहनों को ले कर भय और भ्रम की स्थिति बन जाती है। जिससे सवाल उठता है कि ये पुलिस लिखा वाहन पुलिस का ही है या कोई असामाजिक तत्व पुलिस लिखवा कर लोगों पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा है।
टीम बेबाक/पंकज शर्मा