New Delhi: भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति क्या है वो किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। लेकिन बांग्लादेश जो भारत का हितैषी देश कहा जाता है वहां हिन्दुओं की क्या स्थिति इस पर कभी ज्यादा चर्चा नहीं होती है। लेकिन एक रिपोर्ट में कुछ ऐसा खुलासा हुआ है, जिसे सुन कर आप चौंक सकते हैं।
भारत के 7 पड़ोसी देशों में मानवाधिकार की क्या स्थिति है इस बात को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट को सेंटर फॉर डेमोक्रेसी प्लूरेलिज़्म एंड ह्यूमन राइट्स ने तैयार किया है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति है इस बात का खासतौर पर जिक्र किया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इन देशों में मानवाधिकार नाम की कोई चीज नहीं है। बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का कोई मंत्रालय भी नहीं है, जो उनके हितों की रक्षा कर सकें। पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश इस्लामिक स्टेट नहीं है लेकिन वहां भी फंडामेंटलिस्म बढ़ रहा है और वहां माइनॉरिटी सुरक्षित नहीं रह सकती।
जब 1947 में भारत के दो टुकड़े हुए तब पाकिस्तान में 12.5 फीसदी हिन्दू थे। उसमें से अकेले 23 फीसदी बांगलादेश में थे। ये डाटा 1951 का है। आज 2011 का डेटा देखते हैं तो 8 परसेंट हिन्दू बचे हैं बांग्लादेश में। बाकी हिन्दू कहां गए, या तो वो मर गए या कन्वर्ट हो गए। आखिर क्या हुआ उनके साथ?
पाकिस्तान में आज जितना हिन्दू होना चाहिए था, आज वहां उतना हिन्दू नहीं है। पाकिस्तान में हिन्दू की स्थिति बहुत ख़राब है। महिलाओं का ख़ास तौर पर (हिन्दू- सिख ) जो छोटी लड़कियां है उनका रेप और कंवर्जन हो रहा है और इसको एक टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वो कंवर्ट हो जाये।
ढाका यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर अबुल बरकत ने एक रिपोर्ट दी है जिसमें कहा है कि रोज 632 हिन्दू बांग्लादेश छोड़कर जा रहा हैं, जो 2 लाख साल का होता है। ऐसे में 30 साल बाद बांग्लादेश में कोई हिन्दू नहीं बचेगा। आज 2021 है, अगले 25 साल बाद कोई हिन्दू नहीं बचेगा।
टीम बेबाक