Ranchi: कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन और मजदूरों के गृह राज्य वापस लौटने के बाद अब मजदूरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला झारखंड के दुमका (Dumka) जिले का है, जहां सीमा सड़क संगठन (Border Security Organization) को लद्दाख (Laddakh) में सड़क बनाने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। झारखंड सरकार (Govt of Jharkhand) ने भी साफ कर दिया है कि अभी मजदूरों को बाहर नहीं भेजा जाएगा।
कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की हुई बदतर स्थिति किसी से छिपी नहीं है। आज हालात ऐसे हैं कि राज्य सरकार अपने राज्य से मजदूर भेजने को तैयार नहीं हैं। वहीं, मजदूर और उनके परिजन भी नहीं चाहते कि राज्य से बाहर जाकर काम करें।
ताजा मामला झारखंड के दुमका जिले का है, जहां सीमा सड़क संगठन 11 ट्रेनों से करीब साढ़े गयारह हज़ार मजदूरों को लेह लद्दाख, शिवलेक, उत्तरांचल आदि राज्यो में सड़क निर्माण के लिए जाना चाह रही है लेकिन पहले से काम कर रहे प्रवासी मज़दूरों के परिजनों ने पहले मज़दूरों को घर वापस लाने की मांग की है।
झारखंड सरकार (Govt of Jharkhand) ने भी साफ कह दिया है कि जबतक स्थिति सामान्य नहीं हो जाता है, तब तक किसी को बाहर नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार अब मजदूरों के पलायन को रोकेगी और उन्हें राज्य में ही रोजगार दिया जाएगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान मुश्किल हालात का सामना करते हुए वापस लौटे मजदूर भी नहीं चाहते कि वे दूसरे राज्य में जाकर काम करें।
इस पूरे मामले पर झारखंड बीजेपी का कहना है क्योंकि मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और देश हित में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह सीमा सड़क संगठन को मजदूर मुहैया कराए।
स्थानीय प्रशासन ने भी लॉकडाउन होने और मज़दूरों के आवास, भोजन के साथ उनके वेतन को लेकर बीआरओ (BRO) से कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलने से अपने आदेश को रद्द कर दिया है। फिलहाल दुमका मजदूर लेने पहुंचे सीमा सुरक्षा संगठन (Border Security Organization) के पूरे कार्यक्रम पर पानी फिरता नजर आ रहा है।