New Delhi: भारत के साथ पड़ोसी मुल्कों के साथ सीमा विवादों के बीच भारतीय वायुसेना की क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाला राफेल आसमां में दहाड़ते हुए हिंदुस्तान की सरजमीं पर उतर चुका है। फ्रांस से पांचों राफेल सुपरसोनिक विमानों ने अंबाला एयरबेस पर दोपहर 3 बजे लैंड किया। अंबाला एयरबेस पर विमानों की लैंडिंग के बाद वाटर सैल्यूट (Water salute) देकर स्वागत किया गया। वाटर कैनन से यह सलामी दी गई।
इस मौके पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया सहित वायुसेना के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे। एयरबेस पर पहुंचने के बाद राफेल और इन्हें फ्रांस से लाने वाले जांबाज पालयटों का वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने स्वागत किया। लैंडिंग से पहले इन विमानों ने अंबाला एयरबेस की परिक्रमा की। अंबाला में धूप निकल आई है। ऐसे में लैंडिग में कोई समस्या नहीं रही।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल की लैंडिंग के बाद खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय वायुसेना और शक्तिशाली हो गई है। भारत के दुश्मनों को अब सावधान हो जाना चाहिए। उन्होंने लिखा, राफेल अंबाला में सुरक्षित रूप से उतर गए हैं। भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे।
उन्होंने आगे लिखा, मैं जोड़ना चाहूंगा, अगर ऐसा कोई है जिसे भारतीय वायु सेना की इस नई क्षमता के बारे में चिंतित या आलोचनात्मक होना चाहिए, तो यह वह होना चाहिए जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृत श्लोक में ट्वीट कर राफेल विमानों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ” राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्…स्वागतम्”
इसका मतलब है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं. बता दें कि नभः स्पृशं दीप्तम् भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है।
जानकारी के अनुसार, पांचों राफेल फाइटर विमान को दो सुखोई MKI विमान एस्कोर्ट कर रहे थे। अंबाला एयरबेस के आसपास वाहनों की मूवमेंट पूरी तरह रोक दिया गया था। यह दूसरा मौका है जब बड़े फाइटर विमान को अंबाला एयरबेस पर भारत में सबसे पहले लैंडिंग हुई है। इससे पहले जगुआर फाइटर प्लेन की अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंडिंग हुई थी। पांचों राफेल विमान को लाने वाली टीम की अगुवाई वायुसेना अधिकारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह कर रहे थे। उनकी विंग कमांडर पत्नी अभी अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में ही कायर्रत हैं।
बता दें कि ये राफेल विमान को अभी आधिकारिक रूप से वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है, इंडक्शन के लिए अलग से पूरी सेरेमनी होगी। साथ ही आपको ये भी बता दें कि फ्रांस से मिलने वाली राफेल विमानों की ये पहले खेप है।
टीम बेबाक